तृण पंचमूल गण
1 दुर्वा ((छोटा, मुलायम और सुई जैसा पत्ता वाला))
2 काँस
3 बरु
4 दुर्वा (चौड़े, लंबे और करारेदार पत्ते वाला)
5 गन्ना (सफ़ेद)
तृण पंचमूल गण के गुण
ये पांचों पदार्थ मिलकर तृण पंचमूल कहलाते हैं। यह गण पित्त का नाश करने वाला है।
इन तृण पंचमुल गण जड़ी-बूटियों को दूध के साथ लेने से मूत्र विकार और कुष्ठ रोग तुरंत नष्ट हो जाते हैं।