मधुमेह

मधुमेह

यह मधुमेह तब होता है जब शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं। जंक फूड, ब्रेड, बिस्कुट, डिब्बाबंद भोजन, बासी भोजन, पावरोटी, किण्वित भोजन, मेंदा का उत्पाद, चीनी उत्पाद, तला हुआ आदि के अत्यधिक सेवन से यह विष उत्पन्न होता है। इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए।

शिलाजीत

1          5 ग्राम               त्रिफला चूर्ण

2          5 ग्राम               शहद

3          2 रति                शिलाजीत (दो चावल के बराबर)

उपरोक्त तीनों चीजों को अच्छी तरह से मिलाकर सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से मधुमेह को ठीक किया जा सकता है।

चूर्ण

1          200 ग्राम           मेथी

2          100 ग्राम           अजवाइन

3          050 ग्राम           कालीजीरी

उपरोक्त तीनों चीजों को साफ करके एक मिट्टी के बर्तन में गर्म करें। फिर अलग-अलग चूर्ण बना लें और फिर तीनों चूर्णों को मिलाकर कांच के जार में भर लें।

इस चूर्ण का एक चम्मच भोजन से पहले सादे पानी के साथ लें।

चूर्ण

1          100 ग्राम           मेथी

2          100 ग्राम           तेजपत्ते

3          150 ग्राम           जामुन की गुटली

4          250 ग्राम           बेल के पत्ते

उपरोक्त सभी जड़ी बूटियों का चूर्ण बना लें। अच्छी तरह मिलाकर कांच के जार में भर लें।

भोजन से पहले आधा से एक चम्मच सादे पानी के साथ दिन में तीन बार लें।

मेथीदाना

रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी दाना भिगोकर रख दें। सुबह उठकर उस ग्लास में रखा पानी को पि के ऊपर से भीगा मेथी दाना चबा चबा कार खा लेने से तीन महीने में मधुमेह रोग मिट जाता है।

चूर्ण

1          100 ग्राम           मेथीदाना

2          100 ग्राम           तेजपत्ते

3          150 ग्राम           जामुन की गुटली

4          250 ग्राम           बेल के पत्ते

जामुन की गुठली और मेथी दाना दोनों का बारीक़ पाउडर बना लें। तेजपत्ते और बेल के पत्ते दोनों को सुखा लें। इसके सूखने के बाद इसका भी पाउडर बना लें।

इन चारों चूर्णों को मिलाकर अच्छी तरह मिश्रण बना लें।

इस चूर्ण को सुबह खाली पेट एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें और एक घंटे बाद नाश्ता करें। इसी तरह इस चूर्ण को रात के खाने से पहले एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें।

इस चूर्ण का 3 से 6 महीने तक सेवन करने के साथ-साथ प्राणायाम और परहेज करने से भी मधुमेह को ठीक किया जा सकता है।

मधुमेह के रोगियों को रेशेदार खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करना चाहिए और घी – तेल वाले खाद्य पदार्थों का कम मात्रा में सेवन करना चाहिए।

बहुत चरबी वाले खाद्य पदार्थ काम मात्रा में खाएं और चीनी और शर्करा वाले खाद्य पदार्थों से पूरी तरह बचें।

त्रिफला और मेथीदाना

एक चम्मच त्रिफला चूर्ण (हरड, बहेड़ा और आंवला पाउडर) और एक चम्मच मेथी दाना का चूर्ण लेकर रात को एक गिलास पानी में भिगोकर सुबह उठकर पानी को यूं ही बिना छाने पी लें। इस प्रयोग को लगातार तीन महीने तक करने से शुगर लेवल सामान्य हो जाता है।

घृतकुमारी (एलोवेरा)

घृतकुमारी को अंग्रेजी में एलोवेरा कहते हैं। एलोवेरा को छीलकर उसका रस निचोड़ लें। इस रस के तीन चम्मच नियमित रूप से सुबह खाली पेट लेने से मधुमेह में लाभ होता है। यह प्रयोग तीन से चार महीने तक करना चाहिए।

फनस

सबसे पहले फनस के ५ से ७ अच्छे पत्ते लें। साफ पानी से अच्छी तरह धो लें। फिर इस पत्ते को 2 से 3 अंगुलियों के बराबर टुकड़ों में काट लें। एक साफ कुकर में 1 लीटर (पीने योग्य) पानी लें और उसमें धुले हुए फनस के पत्ते के टुकड़े डालकर ढक्कन बंद कर दे। अब इसे स्टोव पर रखें और मध्यम आंच पर 10 सीटीओ को बजने दें। फिर इसे निचे उतार कर ठंडा करले और छलनी से छानकर किसी बोतल में भर लें। यह पानी मधुमेह को ठीक करता है।

इस पानी का 1 गिलास रोजाना खाली पेट पीने से मधुमेह की बीमारी ठीक हो सकती है।

चूर्ण

1          100 ग्राम           हरड़

2          200 ग्राम           बहेड़ा

3          400 ग्राम           आंवला

तीनों चीजों का पाउडर बनाकर अच्छी तरह मिला लें और कांच के जार में भर लें।

रात को सोते समय एक चम्मच गर्म पानी के साथ लें। इस चूर्ण को त्रिफला चूर्ण कहते हैं और यह सैकड़ों छोटे-बड़े रोगों में लाभकारी होता है। यह शक्ति बढ़ाने वाला रसायन है। इसे जीवन भर नियमित रूप से लेने से सभी प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है।

चूर्ण

1          100 ग्राम           अश्वगंधा

2          100 ग्राम           शतावरी

3          100 ग्राम           नीम के पत्ते (पाउडर)

4          100 ग्राम           हरा चिरायता

5          050 ग्राम           कटुकी

6          100 ग्राम           आंवला

7          100 ग्राम           गिलोय

8          100 ग्राम           दारूहल्दी

9          012 ग्राम           शुद्ध शिलाजीत

10        100 ग्राम           करेला (पाउडर)

11        100 ग्राम           मेथी

उपरोक्त सभी जड़ी बूटियों को लेकर इसका पाउडर बना लें, इसे अच्छी तरह मिलाकर कांच के बर्तन में रख दें।

भोजन के एक घंटे के बाद तीन बार एक एक चम्मच लेने से मधुमेह के साथ-साथ कई अन्य रोग भी ठीक हो जाते हैं और यह एक टॉनिक होने के कारण शरीर में ऊर्जा का संचार होगा और शरीर मजबूत और ऊर्जावान बनेगा।

चूर्ण

1          निमकी फली की गुटली का पाउडर

2          करेला को सुखाकर बनाया गया पाउडर

3          जामुन की गुटली का पाउडर

4          मेथी दाना का पाउडर

5          बेल की पत्तियों का पाउडर

6          पलाश का पाउडर

ऊपर दी गई चीजों की बराबर मात्रा लें, अच्छी तरह मिला लें और कांच की बोतल में भर लें।

भोजन के एक घंटे पहले एक चम्मच नियमित रूप से सुबह और शाम गर्म पानी के साथ लें। यह योग मधुमेह को बहुत जल्दी ठीक करता है। साथ ही प्रातः काल योग करने से शीघ्र फल मिलता है। कपालभाति, लोम अनुलोम आदि के प्रयोग से अद्भुत सफलता मिलती है।

प्रतिदिन योग, प्राणायाम करने से शरीर में कोई रोग नहीं होता और इसलिए स्वस्थ होने के बाद शुगर सामान्य होने पर दवा लेना बंद कर दें, लेकिन प्राणायाम और योग के साथ-साथ पुरुषार्थ और व्यायाम को भी न छोड़ें।

परहेज

चीनी, शक्कर और उससे बनने वाली सभी चीजों का उपयोग बंद करें, इसके बजाय देसी गुड़ का उपयोग करें। किसी भी प्रकार की मिठाई वर्जित है।

अंडे और उनसे बनने वाली सभी चीजे, किसी भी प्रकार का मांस पूरी तरह से बंद करना चाहिए।

अनाज में गेहूं से बनी चीजे बंद कर दें, इसकी जगह ज्वार की रोटी लें। बाजरे की रोटी और मक्के की रोटी भी ले सकते हैं। चावल लिया जा सकता है लेकिन बिना पॉलिश किया हुआ भरपूर मात्रा में लिया जा सकता है क्योंकि यह मधुमेह में उत्कृष्ट है। क्योंकि यह फाइबर से भरपूर होता है। बिना पॉलिश किए चावल थोड़े लाल रंग के होते हैं और दाने थोड़े बड़े दिखाई देते हैं। जबकि पोलिश किए हुए चावल बहुत ही सफेद और छोटे दाने वाले होते हैं। जिसमें फाइबर की मात्रा बहुत कम होती है इसलिए इसे भोजन में से हटाने के लिए सलाह दी जाती है।

मधुमेह के रोगियों को अधिक फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे मग दाल, मसूर दाल, तुवर दाल, चना दाल का सेवन करना चाहिए। बहुत कम फाइबर वाली दाल जैसे की उरद की दाल और सोयाबीन की दाल को छोड़ दें।

मधुमेह के रोगियों को देशी गाय के दूध का ही सेवन करना चाहिए, लेकिन पहले इसे गर्म करके ठंडा करके ऊपर से मलाई को निकाल लें। मधुमेह के रोगियों को इसी तरह तीन दफा मलाई को निकाल कर फिर बाद में बचे दूध का सेवन करना चाहिए। इस दूध का उपयोग दही या मट्ठा (छास) बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

आलू को छोड़कर हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करें। पालक की भाजी, मेथी की भाजी आदि रेशेदार सब्जियों भरपूर मात्रा में उपयोग करना चाहिए। करेले को अधिक महत्व दे लेकिन सभी सब्जियां स्वीकार्य हैं।

फलों के रस और फलों का सेवन कर सकते हैं। मधुमेह के रोगियों को खट्टे फल जैसे, संतरा, अंगूर, नारंगी, आदि का अधिक सेवन करना चाहिए।

मधुमेह के लिए होम्योपैथिक दवाएं

बहुत प्यास लगना, बार-बार मुंह सूखना, बार-बार पेशाब आना, रात के समय में अधिक बार पेशाब आना, बार-बार भूख लगना, भोजन के बाद भी थोड़े अंतराल में भूख लगाना, शरीर में लगातार थकान महसूस होना, शरीर में कमजोरी, शरीरमें सुस्ती क एहसास, शरीरमे उर्जा का संचार मंद हो गया हो, पेट फुल सा गया हो, पेट में गेस बनता हो, ये सभी लक्षण डायाबिटिस के मरीज में दिखे तब होम्योपैथिक दवाओ क उपयोग करके अच्छे फायदे लिए जा सकते है।

होम्योपैथी में, विभिन्न रोगियों के विभिन्न लक्षणों के अनुसार दवा को बदलकर और नियमित लेने से और आहार के प्रति जागरूकता व परहेज रखकर मधुमेह को स्थायी रूप से सामान्य किया जा सकता है।

इसके लिए डॉक्टर के संपर्क में रहकर और उनके निर्देशों का पालन करते हुए मधुमेह के खतरे को कम करके एक आरामदायक जीवन जी सकते हैं। मधुमेह के लिए कुछ महत्वपूर्ण और प्रभावी होम्योपैथिक उपचार यहां दिए गए हैं।

1          Syzygoum Jambolanum Q

2          Acud Phos Q

3          Urenium Nitricum 30

दवा लेने का तरीका

Syzygoum Jambolanum Q और Acud Phos Q दोनों दवाइयों को मिला ले। गर्म पानी में 25 बूंद डालें और इस दवा को नाश्ते से 30 मिनट पहले और रात के खाने से 30 मिनट पहले लें।

Urenium Nitricum 30 का सेवन सुबह और शाम दो बार करें।

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