किसी भी बीमारी के होने से पहले बुखार आना सामान्य बात है। हम आयुर्वेद के दृष्टिकोण के अनुसार विस्तार से बुखार की उत्पत्ति, लक्षण और उपचार देखेंगे।
यहाँ बुखार के प्रकार और इसके साध्य-असाध्यता के बारे में इलाज के साथ विस्तृत प्रस्तुति है, जो अवश्य पाठकों के लिए सहायक होगी।
सन्निपात ज्वर या त्रिदोष ज्वर शरीर के तीनों दोषों के कुपित होने के कारण होने वाला ज्वर है। इस ज्वर में तीनों दोषों की भूमिका के कारण यह अत्यंत घातक हो जाता है।
आयुर्वेद में 13 प्रकार के ज्वर का वर्णन किया गया है। यहां हम अध्ययन करेंगे और सीखेंगे कि इसका इलाज कैसे किया जाता है।