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उषकादि गण

उषकादि गण 1          लवणीय मिट्टी 2          सेंधा नमक 3          शिलाजीत 4          हीराकसी (खट्टी और नमकीन रस युक्त) 5          हीराकसी (पीली और कसैला स्वाद युक्त) 6          हींग 7          नीला थोथा, तूतिया 8          पुनर्नवा ये सात पदार्थ मिलकर उषकादि गण कहलाते हैं। उषकादि गण के गुण यह उषकादि गण औषधि कफ, पथरी, बजरी, मूत्रकृच्छ और पेट में […]

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योनिरोग

योनिरोग योनि रोग यानि ये योनि में होने वाले रोग हैं। यहाँ योनिरोगों को प्रजनन अंगो के संदर्भ में लिया गया है। योनि रोग बीस प्रकार के होते हैं। १    वात्तिक योनीरोग                           २    पैतिक योनीरोग ३    स्लेष्मिक योनीरोग     

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आठ प्रकार के बुखार

बुखार (ज्वर) बुखार सबसे पहले शरीर में होने वाली बीमारियों से पहले इसे इंगित करने के रूप में आता है और उसके बाद ही वे रोग अपने मूल रूप में प्रकट होते हैं। यहां बुखार के विस्तृत लक्षण दिए गए हैं जिन्हें आयुर्वेद में ज्वर कहा जाता है और इसे ठीक करने के प्रयास यहां

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मैथुन संबंधित

मैथुन संबंधित हर प्राणी की शरीर के साथ यौन संबंध बनाने की निरंतर इच्छाए होती रहती है। अगर मैथुन करने की इच्छा के बावजूद भी मैथुन (सेक्स) नहीं करता हैं, तो उसको प्रमेह नामक बीमारी हो जाती है। शरीर की चर्बी बहुत बढ़ जाती है और शरीर कमजोर हो जाता है। नारीत्व की स्थिति स्त्री

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पतलेपन के उपाय

पतलेपन के उपाय (दुबले शरीर को पुष्ट बनाने के लिए) शरीर का पतले होने का कारण वायु उत्पन्न हो एसा और सूखे भोजन का सेवन करने से, बहुत अधिक उपवास करने से, बहुत कम खाने से, बार-बार उल्टी या रेच की क्रियाए करने से, शोक करने से, चिंता करने से, भय लगने से, आदि के

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मासिक धर्म संबंधी

मासिक धर्म संबंधी मासिक धर्म महिलाओं को अक्सर मासिक धर्म के दौरान दर्द का अनुभव होता है। साथ ही अक्सर रक्त अधिक बहता है, या कम। मासिक धर्म कभी-कभी ३ से ५ दिन या उससे कम होता है, या अनियमित रक्तस्राव होता है। अनियमित माहवारी होती है। गाय का घी यदि मासिक धर्म के दौरान

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बाल रोग

बाल रोग स्तनपान से होने वाले बाल रोग भारी, विषम और दोष वर्धक खाद्य पदार्थ खाने से माँ के शरीर में दोषो कुपित होता है। और इसलिए माँ का दूध दूषित होता है। अनुचित आहार और विहार करने वाली महिला के शरीरमे कुपित वातादि दोषो माँ के दूध को दूषित करता है। इसके कारन बच्चे

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बांझ को पुत्रवती होनेका उपाय (योनिकंद)

बांझ को पुत्रवती होनेका उपाय (योनिकंद) योनिकंद रोग, वायु, पित्त, कफ और त्रिदोष ऐसे चार प्रकार से होता है। जिस महिला को योनिकंद नामक बीमारी होती है, उसे मासिक धर्म नहीं होता है इसलिए वह बांझ हो जाती है। फिर भी, एसी महिलाओ को गर्भ रह सके और माँ बन सके ऐसा यत्न और उपचार

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फिरंग रोग

फिरंग रोग यह बीमारी कभी फिरंग नामक देश में प्रचलित थी। फिरंग रोगग्रस्त लोग अन्य देशों का दौरा करने या किसी भी कारण से घूमने जाया करते थे। यह रोग अन्य देशों के स्थानीय लोगों में फैल गया क्योंकि ये आगंतुक स्थानीय लोगों के साथ शारीरिक संपर्क में लगे और संक्रमित हो गए। इस प्रकार

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प्रसव से पहले देखभाल

प्रसव से पहले देखभाल गाय का घी-दूध देसी गाय के दूध में देसी गाय का घी और हल्दी मिलाकर रात को सोते समय पीएं। (१, एक गिलास दूध, २, एक चम्मच घी और ३ , एक चम्मच हल्दी।) गाय का घी हल्दी चुना गर्भवती माताओं और अजन्मे बच्चे को स्वस्थ रहने के लिए कैल्शियम की

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